नोनी

मोरिंडा सिट्रिफोलिया(Morinda Citrifolia) कॉफी के प्रजाति का यह पेड़ दक्षिण पूर्व एशिया, आस्ट्रेलिया के माध्यम से फैली हुई है, और प्रजातियां अब पूरे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में खेती की जाती हैं और व्यापक रूप से प्राकृतिक रूप से विकसित होती हैं। सदाबहार पेड़ वाले वेस्टिजेन नोनी या मोरिंडा सिट्रिफोलिया, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट का एक समृद्ध स्रोत है। इसमें एक्सरोनिन शामिल है, जो पोषक तत्वों को प्रवेश करने और पोषक तत्वों के अवशोषण में वृद्धि करने के लिए मानव कोशिकाओं की दीवारों में छिद्रों को बढ़ाता है।

नोनी में एक्सरोनिन है, जो सूक्ष्म जीवों, पौधों, जानवरों और मनुष्यों के स्वस्थ कोशिकाओं में पाए जाते हैं। यह पोषक तत्वों के अवशोषण में प्रवेश करने और बढ़ने के लिए पोषक तत्वों की अनुमति देने के लिए मानव कोशिकाओं की दीवारों में छिद्रों के इज़ाफ़ा को सक्षम करता है। मोरिंडा सिट्रिफोलिया प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है क्योंकि इसमें कई आवश्यक विटामिन और खनिज शामिल हैं।



नोनी फल का इस्तेमाल:
  • नोनी मुख्य रूप से सर्दी, फ्लू, मधुमेह, चिंता, और उच्च रक्तचाप के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
  • बैक्टीरिया संक्रमण, छाले, शिशुओं में दस्त, और पेट में बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है, एवं पीड़ादायक या चिड़चिड़ी आँखों, नेत्र सूजन, और खांसी के लिए यह फल लाभकारी है.
  • अस्थमा, घाव, टूटी हुई हड्डियों, मुंह और गले के संक्रमण, कीड़े, दस्त, बुखार, उल्टी, नेत्र रोगों, गठिया, दौरे, बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण, वायरस के लिए यह फल लाभकारी है.
  • कैंसर के लिए ताजे फल का रस, जलन, बच्चों की सीने में सर्दी, और सूजन के लिए बाहरी रूप से इस्तेमाल किया जाता है.
  • और फोड़े, सूजन वाले मसूड़ों और गठिया दर्द के लिए आंतरिक रूप से इस्तेमाल होता है.
  • नोनी के उपयोग से श्वसन समस्याओं से पीड़ित लोग स्वस्थ होते है, यह विभिन्न त्वचा और बालों की समस्याओं को रोकने में मदद करता है, यह स्वस्थ पाचन तंत्र को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।


शाही पनीर

शाही पनीर, पनीर का सबसे पुराना व्यंजन है चाहे वो शादी की पार्टी हो, शाही पनीर हमेशा से ही सबसे अहम् व्यंजन रहा है हम यह ज़रूर  लंच या डिनर मे शाही पनीर ही आर्डर करते होंगे

यह विधि हमारी रसोई में कई बार जाँची और परखी गयी है हर बार वही स्वाद के साथ डूबते हुए सूरज जैसा रंग देखकर मुँह मे पानी भर आता है

इसे बनाने के लिए अलग से किसी शाही पनीर मसाले की जरूरत नहीं है हम साधारण मसालों का प्रयोग करेंगे जो किसी भी भारतीय रसोई में आम तौर पर होते ही है

शाही पनीर के लिए:
  • 1 कप पानी
  • 1/2 कप दूध
  • 3/4 कप क्रीम या फिर दूध की मलाई
  • 1 कप प्याज़ बारीक कटा हुआ
  • 1 कप टमाटर बारीक कटा हुआ
  • 2 चम्मच मीठी टमाटर की चटनी टोमेटो केचप
  • 2 चम्मच धनिये की पत्तिया हरा धनिया
  • 4 बड़ी इलाइची 
  • 1 चम्मच हरी मिर्च बारीक कटा हुआ
  • 1 चम्मच नमक स्वादानुसार
  • 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1/2 चम्मच काला नमक
  • 1.5 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1 चम्मच गरम मसाला
  • 3 चम्मच तेल

विधि:
अब हम बनाने की प्रक्रिया को शुरू करते है 3 बड़े चम्मच तेल को 1 मिनट के लिए तेज़ आंच पर कड़ाई मे गर्म करे अब इलाइची के बीज को निकाले और एक तरफ रख दे,

1 मिनट बाद, कटा हुआ प्याज़, इलाइची के बीज और हरी मिर्चे गर्म तेल मे डाले, अच्छी तरह मिलाए,
प्रतीक्षा करे जब तक प्याज़ का रंग गुलाबी नहीं हो जाता, चुल्हे की आंच को तेज़ रखे, इसमें 4 मिनट लगेंगे,

4 मिनट बाद, कटा हुआ टमाटर डाले और अच्छी तरह मिलाए, टमाटर को मुलायम होने तक पकने दे, इसमें भी 4 मिनट लगेंगे, जब यह प्रक्रिया खत्म हो जाए तब टमाटर और प्याज़ के मिश्रण को गर्म तेल से एक थाली मे बाहर निकाले, चुल्हे को बंद कर दे,

इस मिश्रण को ठंडा होने के लिए एक तरफ रख दे 3 मिनट के लिए, और गर्म तेल को भी एक तरफ रख दे यह तेल हम बाद मे इस्तेमाल मे लायेंगे,
जब मिश्रण ठंडा हो जाए तब इसको पीस कर मुलायम पेस्ट बना ले,

यह पक्का कर ले की इस पेस्ट मे टमाटर या फिर प्याज़ का कोई मोटा टुकड़ा न रह जाए, यह मुलायम और अच्छा पेस्ट होना चाहिए,

शाही पनीर की तरी/ग्रेवी बनाये पकाने का समय - 12 मिनट

बचे हुए तेल को गर्म करे 1 मिनट तक, और तेल डालने की जरूरत नहीं है,

1 मिनट बाद इसमें टमाटर और प्याज़ का पेस्ट डाले और तेज़ आंच पर पकाए, इसे लगातार हिलाए 1 मिनट तक,

1 मिनट बाद, इसमें टमाटर की चटनी, नमक, लाल मिर्च पाउडर, काला नमक और हल्दी पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाए,

चुल्हे की आंच को मध्यम कर दे, तब तक प्रतीक्षा करे जब तक तेल और मिश्रण अलग अलग न हो जाए, इसे लगातार हिलाए, इसमें 5 मिनट लगेंगे,

तेल कढाई की सतह पर अलग से दिखने लगेगा जब वह टमाटर प्याज के पेस्ट से अलग होगा,

5 मिनट बाद इसमें ढूध और 1 कप (1 कप = 240 मिली लीटर) पानी डाले, चुल्हे की आंच को मध्यम ही रखे और इसे 3 मिनट तक पकाए,

3 मिनट बाद, अब इसमें क्रीम और गर्म मसाला डाले, इसे 2 मिनट तक मध्यम आंच पर पकाए,
शाही पनीर की तरी बिलकुल तैयार है, इसमें पनीर डालते है अब,
पनीर को तरी में मिलाये पकाने का समय - 5 मिनट

पनीर को छोटे टुकड़ो में काट लीजिये,

अब तरी में पनीर के टुकड़े डाले और अच्छी तरह मिलाए, अब इसे मध्यम आंच पर 5 मिनट तक पकाए|
जब यह प्रक्रिया खत्म हो जाए, तब चुल्हे की आंच को बंद कर दे,
अब इस पर धनिए की पत्तियां डाले और अब यह परोसने के लिए तैयार है


शाही पनीर के ऊपर हरे धनिये की पत्तियां डाले परोसने से पहले,
शाही पनीर के साथ ज्यादातर लहसुन नान, तंदूरी रोटी, या पूरी परोसी जाती है,

जीएसटी(GST)

जीएसटी  भारत के कर ढांचें में सुधार का एक बहुत बड़ा कदम है। वस्तु एंव सेवा कर एक अप्रत्यक्ष कर कानून है है। जीएसटी एक एकीकृत कर है जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा। जीएसटी लागू होने से पूरा देश,एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा और ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर जैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर वैट, मनोरंजन, लॉटरी टैक्स आदि जीएसटी में समाहित हो जाएंगे। इससे पूरे भारत में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर लगेगा


भारत का वर्तमान कर ढांचा बहुत ही जटिल है। भारतीय संविधान के अनुसार मुख्य रूप से वस्तुओं की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार राज्य सरकार और वस्तुओं के उत्पादन व सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है।  इस कारण देश में अलग अलग तरह प्रकार के कर लागू है, जिससे देश की वर्तमान कर व्यवस्था बहुत ही जटिल है। कंपनियों और छोटे व्यवसायों के लिए विभिन्न प्रकार के कर कानूनों का पालन करना एक मुश्किल होताहै।


अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में कर-भार अंतिम उपभोक्ता को वहन करना पड़ता है, लेकिन कर का संग्रहण  व्यवसायियों द्वारा किया जाता है। व्यवसायी को ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर की क्रेडिट मिलती है जिसका उपयोग वह अपने कर के भुगतान में कर सकता है। इस व्यवस्था से कर केवल मूल्य संवर्धन बिक्री – खरीद या Value Addition पर ही लगता है। व्यवसायी उपभोक्ता से कर संग्रहित करता है और उसमें से अपनी इनपुट क्रेडिट ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर को घटाकर बाकी कर सरकार को जमा करवाते है।


लेकिन वर्तमान व्यवस्था में भारत में केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क व सेवा कर और राज्य सरकार द्वारा बिक्री कर लगाया जाता है।  इस कारण व्यवसायी को उत्पाद शुल्क और सेवा कर के भुगतान में बिक्री कर की इनपुट क्रेडिट (ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर ) का उपयोग नहीं कर सकता और बिक्री कर के भुगतान में सेवा कर(सेवाओं पर चुकाए गए कर) और उत्पाद शुल्क (ख़रीदे गए माल पर लगे उत्पाद शुल्क) की क्रेडिट का उपयोग नहीं कर सकता।  इस कारण वर्तमान व्यवस्था में टैक्स पर टैक्स लग जाता है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमत बढ़ जाती है ।

जीएसटी लागू होने से पूरे देश में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर होगा जिससे व्यवसायियों को ख़रीदी गयी वस्तुओं और सेवाओं पर चुकाए गए जीएसटी की पूरी क्रेडिट मिल जाएगी जिसका उपयोग वह बेचीं गयी वस्तुओं और सेवाओं पर लगे जीएसटी के भुगतान में कर सकेगा। इससे टैक्स केवल मूल्य संवर्धन पर ही लगेगा और टैक्स पर टैक्स लगाने की व्यवस्था समाप्त होगी जिससे लागत में कमी आएगी।

जीएसटी के बाद क्या सस्ता और क्या महंगा-
ज़ीरो फ़ीसदी जिन पर नहीं लगेगा टैक्स:
  • ताज़ा दूध, खुला खाद्य अनाज, ताज़ा फल, ताज़ी सब्ज़ियां, नमक, गुड़, अंडे,खुला पनीर,चावल, पापड़, रोटी,जानवरों का चारा, कंडोम,गर्भनिरोधक दवाएं, किताबें, जलावन की लकड़ी, चूड़ियां (ग़ैर कीमती), फूल भरी झाड़ू.

इन पर लगेगा 5 फीसदी टैक्स:
  • चाय, कॉफ़ी, खाने का तेल, ब्रांडेड अनाज, सोयाबीन, सूरजमुखी के बीज, ब्रांडेड पनीर, कोयला 400 रुपये प्रति टन लेवी के साथ, केरोसीन, घरेलू उपभोग के लिए एलपीजी, काजू-किशमिश, 500 रुपए तक क़ीमत के जूते,1000 रुपए क़ीमत तक के कपड़े, ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट,ज्योमेट्री बॉक्स,कृत्रिम किडनी, हैंडपंप, लोहा, स्टील, लोहे की मिश्रधातुएं, तांबे के बर्तन, अगरबत्ती.

इन पर लगेगा 12 फीसदी टैक्स:
  • ड्राई फ्रूट्स, घी, मक्खन, नमकीन, मांस-मछली, दूध से बने ड्रिंक्स, फ़्रोज़ेन मीट, बायो गैस, मोमबत्ती, एनेस्थेटिक्स, अगरबत्ती, दंत मंजन पाउडर, चश्मे के लेंस, बच्चों की ड्रॉइंग बुक, कैलेंडर्स, एलपीजी स्टोव, नट, बोल्ट, पेंच, ट्रैक्टर, साइकल, एलईडी लाइट, खेल का सामान, आर्ट वर्क, मोबाइल फ़ोन.
इन पर लगेगा 18 फीसदी टैक्स:
  • रिफाइंड शुगर,कंडेंस्ड मिल्क,प्रिजर्व्ड सब्ज़ियां,बालों का तेल,साबुन,हेलमेट,नोटबुक,जैम, जेली,सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड मिक्सेस,मिनरल वॉटर,पेट्रोलियम जेली, पेट्रोलियम कोक,टॉयलेट पेपर,प्रिंटर,कंप्यूटर.
इन पर लगेगा 28 फीसदी टैक्स:

  • मोटर कार, मोटर साइकल, चॉकलेट, कोकोआ बटर, फैट्स, ऑयल, पान मसाला, फ़्रिज़, परफ़्यूम, डियोड्रेंट, मेकअप का सामान, वॉल पुट्टी, दीवार के पेंट, टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, आफ़्टर शेव, लिक्विड सोप, प्लास्टिक प्रोडक्ट, रबर टायर, चमड़े के बैग, मार्बल, ग्रेनाइट, प्लास्टर, माइका, टेम्पर्ड ग्लास रेज़र, डिश वॉशिंग मशीन, मैनिक्योर, पैडिक्योर सेट, पियानो, रिवॉल्वर.



Vestige Plan

हमारे सपने:
आज हर व्यक्ति का यही सपना होता है की उसके पास ढेर सारा पैसा हो दौलत हो, एक बड़ा सा आलीशान बंगला हो, लग्जरी कार हो और वो प्लेन से जिंदगी में एक बार जरूर विदेश यात्रा करे, लाइफ में समय की आजादी हो, लोगो का मन सम्मान हो और इन सबके साथ-साथ अच्छी सेहत हो.

क्यों की अगर अच्छी सेहत नहीं है, तो यह सब किसी काम के नहीं और यह सब हमारे लिए व्यर्थ हैं इन सब को ध्यान में रखकर वेस्टीज बिज़नेस की शुरुआत हुई वेस्टीज एक मात्र ऐसा बिज़नेस है जो हमें स्वस्थता के साथ-साथ यह हमारे सपनों को पूरा पूरा करता है. 


मानवीय कोशिका पोषण पद्धति:

मानव शरीर का निर्माण 63 खरब से भी अधिक कोशिका से मिलकर बना है, हमारे खराब खाने की आदत की वजह से हमारी कोशिकाओं का पोषण नहीं हो पाता और हमरा इम्यून सिस्टम/प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ जाती है और यही कारण है कि हम बीमार पड़ जाते हैं.

कोशिकाओं के बनने के बाद फिर यह ऊतक(टिश्यू) में बदलते है, ऊतक बनने के बाद यह अंग में परिवर्तित होते हैं बाद में यह अंग ही एक शरीर का रूप लेती है इस प्रकार कोशिका से शरीर बनने के इस चक्र प्रक्रिया में एक संतुलित एवं पोषक आहार की जरूरत होती है 

































एक महीने में वजन कैसे कम करें

हनी - रोजाना सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुना पानी करें और उसमे २ चम्मच हनी मिलाये और एक आधा कटा निम्बू का रस भी गुनगुने पानी में मिलाये यह वजन काम करने में बहुत सहायक होता है

जॉगिंग - अगर आप अपना मोटापा या वजन काम करना चाहते हैं तो आप सबसे पहले नियमित रूप से रोज सुबह उठकर ५  से १० मिंट रोजाना जॉगिंग पे जाएँ, जॉगिंग एक मात्र रास्ता हे जो, मात्र कुछ ही दिनों में आपका मोटापा ४ से ५ किलो काम करदेगा


चाय - मोटापा काम करने के लिए आप लेमन टी पिए या ग्रीन टी पियें

जीरा - जीरा एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में भी जाना जाता है जीरे को चाय की  तरह पियें यह यह हमारे सरीर की चर्भी को काम करता हैं


नारियल पानी - मोटापा काम करने के लिए आप नारियल पानी पिए इससे फैट नहीं बढ़ता


कुछ ध्यान देने वाली बातें


स्वस्थ रहने के कुछ मुख्य बातें



  • सूर्योदय से हमेशा एक घंटे पहले उठे।
  • सुबह-सुबह उठके सबसे पहले पेट भरके पानी पिने की आदत डाले, इससे आपकी कब्ज की समस्या दूर होजायेगी और पानी को हमेसा बैठकर पियें खड़े होक पानी कभी भी ना पियें।
  • सुबह नित्य-कर्म करने के बाद रोजाना बाहर टहलने के लिए जाये।
  • नास्ते में हलके आहारों को प्राथमिकता दे।
  • भोजन करने का एक उचित समय बनाए और खूब चबा-चबा कर खाए। भोजन में सलाद को जरूर शामिल करें। भोजन बार-बार न खाए और एक सीमित डाइट रखें भूख ज्यादा लगने पर भी उतना ही खाये जितना आप रोजाना खाते हैं।
  • भोजन करते समय पानी ना पिये।
  • दिन का खाना ख़ाके थोड़ा आराम करे पर सोये ना।
  • फलों को हमेशा भोजन करने के उपरांत ही सेवन करे। क्यों की फल आपके खाए भोजन को पचाने का काम करता है।
  • दिनभर में दो से तीन लीटर पानी पिये।
  • किसी भी प्रकार के नशे की आदत न डाले अगर आप किसी भी प्रकार का नासा करते हैं तो आप इसे धीरे-धीरे काम करे।
  • मल-मूत्र या मूत्र त्याग करते वक्त अपने दांतों को जोर से भींच के करे और बिच-बिच में रोकके करे   ऐसा करने से पुरूषग्रंथि की समस्या दूर होती है और मल-मूत्र या मूत्र त्याग पूर्ण वेग से न करे। नहाने से पहले मूत्र त्याग कर ले।
  • सोने से पहले मूत्र त्याग करें और ठंडे पानी से पैर धोलें ऐसा करने से शीघ्रपतन की समस्या दूर होती है।
  • १० बजे तक सोने की आदत डाले और हमेशा दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोये।

योग

सबसे पहले हमें यह जानना होगा आखिर योग क्या है।
योग एक हिंदू आध्यात्मिक एवं तपस्वी अनुशासन है जिसमे सांसो को नियंत्रण रखना, धियान लगाना  और अलग अलग प्रकार के शारीरिक आकृति बनाकर व्यापक रूप से स्वस्थ रहने और आरामदायक जीवन बनाने का प्रयास किया जाता है।

हम अब बात करते है की योग कैसे करे और कोन सा समय उचित होगा योग करने के लिए आपको एक समय सुनिश्चि करना होगा जैसे प्रातः कल और संध्याकाल कोई भी समय आप निश्चित कर सकते हे ज्यादातर लोग प्रातःकाल में ही योग को करते हैं।

योग को करते समय आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए;

  • अगर आप आस्वस्थ महसूस करते हो जैसे आपके कमर में दर्द हो या आपको किसी भी प्रकार की बीमारी हो जैसे बुखार या कोई भी बीमारी हो तो आप उस समय योग का उपयोग न करे और कमर दर्द के लिए कोई भी आसान न करें जब तक कि आपको आराम न हो।
  • योग करने से एक घंटे पहले और एक घंटे बाद तक पानी और भोजन का उपयोग न करें।
  • आप योग करने के लिए शांत वातावरण और खुली जगह का प्रयोग करें।
  • आप बिना जानकारी के कोई भी आसन सुरू न करें जब तक की आपको उसके लाभ का मालूम न हों ।
https://www.youtube.com/watch?v=cnKZit6VB44

सूर्य नमस्कार!
'सूर्य नमस्कार' का शाब्दिक अर्थ सूर्य को अर्पण या नमस्कार करना है। यह योग आसन शरीर को सही आकार देने और मन को शांत व स्वस्थ रखने का उत्तम तरीका है।

सूर्य नमस्कार १२ शक्तिशाली योग आसनों का एक समन्वय है,

यदि आपके पास समय की कमी है, और आप चुस्त दुरुस्त रहने का कोई नुस्ख़ा ढूँढ रहे हैं, तो सूर्य नमस्कार उसका सबसे अच्छा विकल्प है।

सूर्य नमस्कार प्रातःकाल खाली पेट करना उचित होता है। आइए अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार के इन सरल और प्रभावी आसनों को आरंभ करें।


प्रत्येक सूर्य नमस्कार के चरण में १२ आसनों के दो क्रम होते हैं I १२ योग आसन सूर्य नमस्कार का एक क्रम पूर्ण करते हैं  सूर्य नमस्कार के एक चरण के दूसरे क्रम में योग आसनों का वो ही क्रम दोहराना होता है, अपितु केवल दाहिने पैर के स्थान पर बाएँ पैर का प्रयोग करना होगा (नीचे चौथे और नवें पद में इसका विवरण दिया गया है)| सूर्य नमस्कार के विभिन्न प्रारूप पाए जाते हैं, हालाँकि बेहतर यही है कि किसी एक ही प्रारूप का अनुसरण करें और उसी के नियमित अभ्यास से उत्तम परिणाम पाएँ।

अच्छे स्वास्थ्य के अतिरिक्त सूर्य नमस्कार धरती पर जीवन के संरक्षण के लिए हमें सूर्य के प्रति आभार प्रकट करने का अवसर भी देता है। अगले 10 दिनों के लिए अपना दिन, मन में सूर्य की ऊर्जा के प्रति आभार और कृपा का भाव रखकर प्रारंभ करें।

12 सूर्य नमस्कार और दूसरे योग आसनों को करने पश्चात योग निद्रा में पूर्ण विश्राम अवश्य करें। आप पाएँगे कि यह आपके चुस्त दुरुस्त, प्रसन्न और शांत रहने का मंत्र बन गया है; एक मंत्र जिस का प्रभाव दिन भर आप के साथ रहेगा।

सूर्य नमस्कार के १२ आसन:

  • प्रणाम आसन 
  • हस्तउत्तानासन  
  • हस्तपाद आसन 
  • अश्व संचालन आसन 
  • दंडासन 
  • अष्टांग नमस्कार 
  • भुजंग आसन 
  • पर्वत आसन 
  • अश्वसंचालन आसन
  • हस्तपाद आसन
  • हस्तउत्थान आसन
  • ताड़ासन 


प्रणाम आसन:

अपने आसन (मैट) के किनारे पर खड़े हो जाएँ, अपने दोनों पंजे एक साथ जोड़ कर रखें और पूरा वजन दोनों पैरों पर समान रूप से डालें। अपनी छाती फुलाएँ और कंधे ढीले रखेंI
श्वास लेते हुए दोनों हाथ बगल से ऊपर उठाएँ और श्वास छोड़ते हुए हथेलियों को जोड़ते हुए छाती के सामने प्रणाम मुद्रा में ले आएँ

हस्तउत्तानासन:


श्वास लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएँ और पीछे ले जाएँ व बाजुओं की द्विशिर पेशियों (बाइसेप्स) को कानों के समीप रखें इस आसन में पूरे शरीर को एड़ियों से लेकर हाथों की उंगलियों तक सभी अंगों को ऊपर की तरफ खींचने का प्रयास करें।

इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ?

अपने कूल्हे को आगे की तरफ धकेल कर यह सुनिश्चित करें कि आप अपनी उंगलियों के साथ ऊपर की ओर जा रहे हैं ना कि पीछे की तरफ मुड़ रहे हैं।

हस्तपाद आसन:



श्वास छोड़ते हुए व रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए कमर से आगे झुकें। पूरी तरह श्वास छोड़ते हुए दोनों हाथों को पंजो के समीप ज़मीन पर रखें

इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ

हथेलियों को ज़मीन तक लाने में अगर ज़रूरत हो तो घुटने मोड़ सकते हैं, और अब घुटनों को सीधा करने का एक सौम्य प्रयास करें। जब तक सूर्य नमस्कार का यह क्रम पूरा ना हो जाए तब तक अपने हाथों की इस स्थिति को इसी स्थान पर स्थिर रखें I

अश्व संचालन आसन:



श्वास लेते हुए जितना संभव हो दाहिना पैर पीछे ले जाएँ, दाहिने घुटने को ज़मीन पर रख सकते हैं, दृष्टि को ऊपर की ओर ले जाएँ I

इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ? सुनिश्चित करें कि बायां पैर दोनों हथेलिओं के बीच में रहे।

दंडासन:




श्वास लेते हुए बाएँ पैर को पीछे ले जाएँ और संपूर्ण शरीर को सीधी रेखा में रखें I

इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ? अपने हाथ ज़मीन के लंबवत रखें I

अष्टांग नमस्कार:



आराम से दोनों घुटने ज़मीन पर लाएँ और श्वास छोडें I अपने कूल्हों को पीछे उपर की ओर उठाएँ I पूरे शरीर को आगे की ओर खिसकाएँI अपनी छाती और ठुड्डी को ज़मीन से छुएँ I

अपने कुल्हों को थोड़ा उठा कर ही रखेंI अब दो हाथ, दो पैर, दो घुटने, छाती और ठुड्डी (शरीर के आठ अंग) ज़मीन को छूते हुए होंगे
भुजंग आसन:



आगे की ओर सरकते हुए, भुजंगासन में छाती को उठाएँI कुहनियाँ मुड़ी रह सकती हैं। कंधे कानों से दूर और दृष्टि ऊपर की ओर रखें

इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ

श्वास लेते हुए छाती को आगे की तरफ धकेलने का सौम्य प्रयास करेंI श्वास छोड़ते हुए नाभि को सहजता से नीचे की ओर दबाएँI पैरों की उंगलियों को भी नीचे की तरफ दबाएँ। यह सुनिश्चित करें कि जितना कर सकते हैं उतना ही करें, अपने साथ ज़बरदस्ती ना करें।
पर्वत आसन:



श्वास छोड़ते हुए कूल्हों और रीढ़ की हड्डी के निचले भाग को ऊपर उठाएँ, छाती को नीचे झुकाकर एक उल्टे वी ^ के आकार में आ जाएँ

इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ? यदि संभव हो तो एड़ियों को ज़मीन पर ही रखें और रीढ़ के निचले भाग को ऊपर उठाने का प्रयास करेंI खिंचाव को गहराई से अनुभव करें
अश्वसंचालन आसन:




श्वास लेते हुए दाहिना पैर दोनों हाथों के बीच ले जाएँ, बाएँ घुटने को ज़मीन पर रख सकते हैंI दृष्टि ऊपर की ओर रखेंI

इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ? दाहिने पंजे को दोनो हाथों के बीच में रखें और दाहिनी पिंडली को ज़मीन के लंबवत रखेंI कूल्हों को नीचे की तरफ ले जाने का प्रयास करें ताकि खिंचाव को गहराता हुआ अनुभव किया जा सके
हस्तपाद आसन:



श्वास छोड़ते हुए बाएँ पैर को आगे लाएँ, हथेलियों को ज़मीन पर ही रहने देंI अगर ज़रूरत हो तो घुटने मोड़ सकते हैं।

इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ? धीरे से घुटनों को सीधा करें और अगर संभव हो तो अपनी नाक से घुटनों को छूने का प्रयास करें, और श्वास लेते रहें
हस्तउत्थान आसन:



श्वास लेते हुए रीढ़ की हड्डी को धीरे धीरे ऊपर लाएँ, हाथों को ऊपर और पीछे की ओर ले जाएँ, कुल्हों को आगे की तरफ धकेलें।

इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ? सुनिश्चित करें कि कान बाजू से सटे हों और खिंचाव ऊपर की ओर हो, न कि पीछे की ओर।
ताड़ासन:



श्वास छोड़ते हुए पहले शरीर सीधा करें फिर हाथों को नीचे लाएँI इस अवस्था में विश्राम करें और शरीर में हो रही संवेदनाओं के प्रति सजगता ले आएँI